ये ठंडी पवन, सावन के झुले और बारिश का मौसम।
मेघ बरसाए पानी की बुंदे, मोर मधुबन में नाचे छमछम।।
सौंधी खुशबू,घटा सावन की ,ये कौनसा दिलकश संदेशा लाएं ।
ऑंख मिचौली खेले धुप की किरणें, लहराए प्यार का परचम।।
सांज की बेला, ढलता हुआ सूरज ओर चांदनी उभरती।
याद जगाए दिल में पिया की फिर भी ना आए प्रियतम।।
पहाड़ों ने ओढ़ी हरी चदरिया, हरी कालीन बिछी धरतीपर।
बरसे बारिश , बिजली कडके , बज रहा मेघों का पडघम।।
सावन आया अजब है माया, उभरे नजारे विहंगम।
खिलखिला रहीं है धरती, छिड़ी मेघ मल्हार की सरगम।।
सोमवार , ११/०३/२०२४ , ०१:३५ PM
अजय सरदेसाई ( मेघ)
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