वक्त के बहाव में देखलेना ये फ़साना भी आएगा ।
तुम्हारा जिक्र जब भी होगा मेरा भी नाम आएगा ।।
आसमाँ मे है एक तारा जो मेरा मुर्शिद है।
जब जब रात होगी वो राह दिखाने आएगा।।
मुहब्बत में बड़े ख़तरे है संभलके प्यार करना।
दिल अगर टूट जाए फिर कौन जोड़ने आएगा।।
बहुत वक्त गुज़र गया तेरी कोई खबर नहीं।
बहुत वक्त से इंतजार है कब पयाम आएगा ।।
होंगे जब भी चराग़ रौशन तिरी महफ़िल मैं ।
शमा पर जलने के लिए एक परवाना आएगा।।
गुरुवार , १५/२/२०२४ , ४:५७ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
फ़साना = कहानी
मुर्शिद = मार्गदर्शक , guide
महफ़िल
= सभा , gathering
No comments:
Post a Comment