किसी हमसफ़र की तलाश है।
मुझे एक रहबर की तलाश है।। रहबर = राह दिखाने वाला
अजनबी राहों पर चलते हुए ।
किसी मानूस की तलाश है।। मानूस = परिचित
जो आजतक कहीं मिली नहीं ।
उस नायाब चिज की तलाश है।। नायाब = अनोखी वस्तू
जिसे बे-पनाह चाहत हो मुज़से । बे-पनाह = बहुत ज़्यादा
उस मेहबूबा की तलाश है।।
फिर धूड़ लाये जो मुज़से खो गया ।
ऐसे मेहरबान की मुझे तलाश है।। मेहरबान = अनुग्राहक
अंधेरे में जो निशान-ए-राह हो । निशान-ए-राह = रस्ते का पता
मुझे ऐसे चिराग़ की तलाश है।।
मुज़को मुश्किलों से जो निकाल दे ।
किसी ऐसे निगेहबान की तलाश है।। निगेहबान
= रखवाला
रविवार , २१/७/२०२४
०६:३० PM
अजय
सरदेसाई (मेघ)
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