अभी इस बदन मैं थोड़ी जान हैं बाकी ।
जिंदगी ने लेने अभी कुछ इम्तेहान हैं बाकी ।।
जिंदगी ने लेने अभी कुछ इम्तेहान हैं बाकी ।।
अगर यकीन नहीं होता तो इन आंखों में देख ।
इन आंखों में अभी भी इमान हैं बाकी ।।
उम्र मेरी अब जरा ढल गई है तो क्या ।
दिल में अब भी मेरे वो जुनून हैं बाकी ।।
खेल शुरू होने में अभी थोड़ा सा वक्त हैं बाकी ।
आने कों अभी मेरे चंद खास मेहमान हैं बाकी ।।
अब ना वो प्यार न उस प्यार की बातें हैं बाकी।
जो दिए तुने उन चोटों के निशान हैं बाकी।।
सोमवार,०६/११/२३, १०:१६ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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