@@@@@@@@@@@@@@@@
@ मैने फलक पर जब आफताब देखा @
@@@@@@@@@@@@@@@@
मैने फलक पर जब भी वो आफताब देखा ।
आप याद आए आइने मे जब अक्स देखा ।।
आप याद आए आइने मे जब अक्स देखा ।।
माँ सुनाथी जब भी किसी राजा की कहानी ।
तसव्वुर मे मैने तब हमेशा आप ही को देखा ।।
हम मिल न सके कभी इस जिन्दगी मे तो क्या ।
फिर भी मैंने अक्सर आपको ख़्वाबों मे देखा ।।
ज़िन्दगी पर मेरे आपका कोई असर नही रहा कभी ।
मैने फिर भी पापा हर अंदाज आपका अपने मे देखा ।।
क्या करिश्मा-ए-कुदरत है ये या फिर कोई जादू ।
गजब है बहुत लोगों ने आपको मुझ में भी देखा ।।
गुरुवार,२३/११/२३ , १०:५३ AM
अजय सरदेसाई (मेघ)
No comments:
Post a Comment