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जब तुम साथ हो
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जिन्दगी नहीं तनहा मेरी तुम जो साथ हो ।
तुम हकीकत में न सही तो क्या, ख़्वाबो में साथ हो ।।१।।🧚
वो वक्त ही क्या जो तेरे बिन गुजार लिया जाए ।
हर लम्हा हर पल ऐ जिन्दगी, तुम मेरे साथ हो।।२।।🧚
बिते हुए हर पल मैने अपने पहलु में संभाल रखे हैं ।
बस उन पलों की यादें भी नहीं, जिन मे तुम न साथ हो।।३।।🧚
गुलशन में जो फुलों की महक है तुमसे है ।
वर्ना कौन इस गुलिस्तां को पुछे जो तुम न साथ हो ।। ४ ।।🧚
मैं तो गुमनामी के गलियारों में टहल रहा था अकेला ।
अब मेरी भी चर्चा हो रही है शायरी, जब तुम साथ हो।।५।।🧚
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गुरुवार दिनांक २८/१२/२३ , ७:१२ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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