जब कुछ न हो कहने को तो चुप भी रहना सीखिए I
कोई और अगर कुछ कहता है तो सुनना भी सीखिए II
आखें भी बातें करती है आँखों को भी पढ़ना सीखिए I
आँखे पढ़ना गर आता है तो आँखों से बोलना भी सीखिए II
एक उम्र काफी नहीं किसी को दिलसे अगर समझना है I
किसी
के साथ गर मुमकिन है एक उम्र बिताना सीखिए II
चाहत में अक्सर मैंने दिलों को टूटते बिखरते देखा है I
दिल टुटके बिखर जाये भी तो हँसके समेटना सीखिए II
ज़िन्दगी में न जाने क्यों अक्सर हसीँ पल खो जाते है I
यूँ कुछ पल खो जाये भी तो ख़ुशी से जीना सीखिए II
ये दुनिया है जन्नत नहीं यहाँ सिर्फ लेनदेन चलता है I
कुछ पाने के लिए कुछ देना है ये महारत सीखिए II
ये जीवन एक नैया है और ज़िन्दगी है एक भवसागर I
पाना है जो साहिल को तो नाखुदा को मनाना सीखिए II
शनिवार १६/१२/२०२३ , ०३:५५
अजय सरदेसाई (मेघ)
महारत = skill
नाखुदा = boatman , sailor
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