हात में फिर भी मेरे यह बेड़ियाँ रह जाएंगी ।
तेरे बाद भी दिल में तेरी यादें रह जाएंगी ।। १ ।।
मुम्किन ये भी है के मैं एक दिन भुल जाऊंगा तुम्हें ।
यहाँ फिर भी अपने प्यार कि निशानियाँ रह जाएंगी ।। २ ।।
मै जानता हूं के तुझे मुझसे अब कोई नाराज़गी नहीं ।
तिरी तीखीं नजरों की फिर भी तल्खियां तो रह जाएंगी ।। ३ ।।
हम तिरी ऑंखो में जानम इस कदर दूब जाएंगे ।
के हमारे होने की न कोई निशानियाँ रह जाएंगी ।। ४ ।।
इश्क में अपने फांसकर मार ही डाला आपने मुझे ।
मुर्दा तो तैयार है,जनाजे कि तैयारियॉँ बस रह जाएंगी ।। ५ ।।
ऐ मेरी दिल-ए-जानाँ न तु यु मुझे बर्बाद कर।
तेरी बद-सलुखी की फिर कहानियाँ रह जाएंगी ।। ६ ।।
आप अगर अब मिलने को ना आए तो हम रुठ जाएंगे
।
ये न हो के माहताब गुम हो और सिर्फ चांदनी रह जाएंगी ।। ७
।।
ज़रा सा तो बहल जाने दे मेरे इस दिल-ए-नादाँ को ।
ये न हो के दिल टुटने कि बस आवाजें ही रह जाएंगी ।। ८ ।।
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