नुक्ताचीं है ये टूटा दिल और ग़म की रात है।
दिल सह रहा है ग़म और दर्द भी साथ है।।
गुजरेगी ये शब न जाने कैसे मिरे दिल पर।
ऐ दिल मिरे संभल,तू बहुत नाज़ुक मिजाज है।।
चुपचाप बैठकर बस धड़क रहा है,क्या खास है।
आज कोई तन्क़ीद नहीं तुमसे,ऐसी क्या बात है।।
शायद जिसकी नुक्ताचीनी करने से थे बड़े वलवले
उसी की कमी है आज,क्या इसलिए तु उदास है।।
क़फ़स में रहकर हर पल उड़ने के ख्वाब देखता है।
कितना मासूम है दिल,ख्वाब आजादी के देखता है।।
रविवार, २५/८/२४ , १२:३० PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
नुक्ताचीं = (विशेषण, adjective ) छोटी छोटी बातों पर भी आलोचना करने वाला , nitpicker
नुक्ताचीनी = "क्रियापद" , verb
नाज़ुक मिजाज = कमजोर , weak
तन्क़ीद = आलोचना या समीक्षा
क़फ़स = पिंजरा
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