प्रस्तावना

मला कविता करावीशी वाटते , पण जी कविता मला अभिप्रेत आहे , ती कधीच कागदावर अवतरली नाही . ती मनातच उरते , जन्माच्या प्रतीक्षेत ! कारण कधी शब्दच उणे पडतात तर कधी प्रतिभा उणी पडते .म्हणून हा कवितेचा प्रयास सतत करत असतो ...........
तिला जन्म देण्यासाठी , रूप देण्यासाठी ,शरीर देण्यासाठी ......
तिला कल्पनेतून बाहेर पडायचे आहे म्हणून
....

Friday 17 May 2024

Thoughts about You


 

Every time I dream and think about you,

I don't know what I'd do without you.

 

My life goes on in this block of time & space,

It's you who has brought it melody and grace.

 

The wind whispers your song in the night's cold play,

I heartily listen to it and dance my loneliness away.

 

You are the sunshine in my life my dear, wherever I go,

Your face comes in my dreams and I want you so much more.

 

I look at the night sky and the stars are burning bright

Then I look at the full moon, it's your face shining in the night 


Friday   17/05/2024   08:33 PM

Ajay Sardesai (Megh)

Monday 6 May 2024

मिर तक़ी मिर - A Tribute


दिखाई दिए यूँ कि बे-ख़ुद किया

हमें आप से भी जुदा कर चले

बिना सरफ़रोशी,चारा न था
हम आशिकी अपनी मिटा कर चले -१
बड़ी आरजू थी जलू इश्क़ में
तो खुद को पतंग फिर बना कर चले -२
एक रोज़ जब तुम न दिखाई दिए
तो आँखें बंद कर हम ,तिरे गली से चले -३
अँधेरे जो छाए , शहर में तेरे
लौ अपने दिल की हम ,जलाकर चले -४
जभी सोचते है ,हो ,तसव्वुर में तुम
तुझे भूल के अब कहाँ हम चले -५
जब चरागों से तिरी महफ़िल सजी
चौखट पे दुआ कर हम,तेरे दर से चले -६
वफ़ा की शमा युही जलाते रहे
देखा न तुमने तो, हंसकर चले -७
जो जख्म खाये सब,तूने दिए
दाग वो किसे हम ,दिखाकर चले -८
देखा तेरे दर पे तो रकीब ही मिले
ग़मसार होकर,तेरे गली से चले -९
कुछ आखरी पल है ,जीने को अब
करके सज्दा तुम्हे हम,याँ से चले -१०

सोमवार ६/५/२०२४ ०४:४३ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)


 

 

Sunday 5 May 2024

थोड़ी सी बेवफ़ाई (new verses)


 

हज़ार राहें, मुड़ के देखीं ,

कहीं से कोई सदा ना आई .

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने,

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई.

 

वो वक्त जो ठहर के गुजरा,

दिल की सदायें दबा गया वो.

हम सोचते थे अभी थमेगा,

तूफ़ां बरसों तक चला वो.

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने,

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई.

 

जो तुम कहते तो कैसे सुनता,

धड़कन बड़ी धिमी चल रही थी,

मिरी ऑंखों की रौशनी भी शायद,

अंधेरे सायों में मिट रही थी,

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई

 

छुड़ा के दामन,दरख़्तों के साये,

जाने क्यु दूर जा रहे हैं.

सोचता हूं के ये मंज़र है कैसा,

दिलों मे शक के साये रहे है.

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई

 

अगर जो कहती के तुम ना जाओ,

क़दमों में मेरे कहां जोर था

मैं सोचता था रोक लेगी मुझ को

पुकार कर फिर बुला लेगी मुझ को

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई

 

बुलाया तुमने, मैं भी आया ,

ये दौर बरसो युहीं चलाया,

उम्र ढल गयी अब सोचता हूँ ,

क्यों प्यार को मैं समझ पाया

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई

 

हज़ार राहें, मुड़ के देखीं

कहीं से कोई सदा ना आई

बड़ी वफ़ा से, निभाई तुमने

हमारी थोड़ी सी बेवफ़ाई 



रविवार  //२०२४  ११:३० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

Life's nothing else, just your’ s and my little story.

 

There is a song of love, mine and thee,
It's  rhythm is like waves at the sea.
Life is nothing more,
but the story of you and me.
The one in which you live, is this moment,
It won't be there to see, the next moment!
From this uncertain life, what can one borrow?
Life's there today, maybe no life tomorrow.
From a life like this, you have to steal your glory.
Life's nothing else, just your’ s and my little story.
I can read your mind like a book, you so, mine too,
Just look into my eyes and you’ll find you too.
Wherever do I go, everywhere my eyes see you,
That’s the story of my life, just loving you.
If I have hurt you in any way, I am so sorry,
Life's nothing else, just your’ s and my little story.
Holding hands, let’s take a walk along the shore,
Let’s listen to just our heart beats, no words anymore.
I will sing for you this song while we make merry,
Life's nothing else, just your’ s and my little story.

Sunday 05/95/2024 06:25 PM
Ajay Sardesai (मेघ)

एक प्यार का नगमा है (new verses)

 



एक प्यार का नगमा है

(new verses)


एक प्यार का नगमा है

मौजों की रवानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है  (मुखड़ा)

 

तूम साथ दो मेरा

चलना मुझे आता है

हर राग से वाकिफ हूं

गाना मुझे आता है

 

सुरों के समंदर से

एक धून ही चुरानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है  - १

 

यु दूर जाना तूम

वापस यही आना है

मुझसे छुपते हो क्यों

अब ये ही ठिकाना है

 

छोटीसी  दुनियां में

एक घर भी बसाना है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है  -

 

तुम भुलना चाहो भी

क्या भुल भी पाओगी

दो पल जो साथ चले

उन्हे कैसे भुलाओगे

 

तडपाओ जो तुम इतना

फिर जान तो जानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है  -३

 

ये जो काला बादल है

वो बरसकर ही जाएगा

जिवन का वो सपना तो

बिखरकर ही जाएगा

 

हर टूटे हुए दिल की

बस यही कहानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है -४

 

ये सामने है जो पल

न होगा अगले पल

जिवन का भरोसा क्या

है आज नही ये कल

 

ऐसे ही जिवन से

जिन्दगी एक बनानी है

जिन्दगी और कुछ भी नहीं

तेरी मेरी कहानी है  -५

 

 

रविवार  //२०२४   ,  ०१:३० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)