जो टूटकर भिखरते है वो अक्सर शीशे होते है।
जो गिरकर फिर उठते है वो अक्सर दिलवाले होते है।।
किसी को ग़म खा जाए तो कोई बहुत बड़ी बात नहीं।
जिनका दर्द दवा बन जाये वो अक्सर दीवाने होते है ।।
जो गिरकर भी सँभलते है वो जिगरबाज़ होते है।
झेलते है तेज हवाओं को जो वो परवाज़ होते है।।
राहों में राही खो जाते है,अक्सर ऐसा होता है।
खोकर जो फिर मिलते है,वो खुशनसीब होते है ।।
मुश्किलों से जो डरतें है वो अक्सर नाकाम होते है।
मुश्किलों से जो लड़ते है वो अक्सर कामयाब होते है।
मंगलवार २३/०४/२०२४ ०६:३० PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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