रह जाएंगी बस यादें हीं ,इन्हे संभाल के रखो।
रूखसत न करों दिल से,इन्हें रोक के रखो ।
न जाने फिर कब इन यादों की,जरूरत आन पड़े ।
शायद कभी किसी राह पर, मुलाक़ात हो पड़े।
रखो दिल में इन्हें,न इन्हें खो जाने दो ।
न जाने फिर ये यादों की, सौगात हो न हो।
शायद फिर इस जनम में,कोई याद हो न हो ...........
🥲♥️🙏
Thursday 12/10/2023 , 8:35 PM
Ajay Sardesai (मेघ)
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