मैं नादान जरुर हुॅं जनाब लेकिन इतना भी नादान नहीं।
ये मत समझो के आपके इरादे क्या हैं ये मैं जानता नहीं।।
दिल मेरा जरा कमजोर है हसिनाओ के मुआमले में।
मगर ये न समझो दुश्मनों के लिए मेरे दिल में फौलाद नहीं।।
मैं तो चला जा रहा था अपनी राह पर मस्त होकर।
औरों की राह क्या हैं इससे मुझे कोई सरोकार नहीं।।
कुछ नहीं होता धरती का सिना चिरकर फसल बोनेसे।
जब तक बारिश नहीं होती हैं कोई खेत संवरता नहीं।।
यु तो चेहरे पर नकाब पहनकर सब हंस लेते हैं यहॉं ।
वर्ना कौन हैं यहॉं जो दर्द-ए-पिन्हाँ से परेशान नहीं।।
दर्द-ए-पिन्हाँ - छुपा हुआ दर्द , Hidden Pain.
गुरुवार, दिनांक १९/१०/२०२३, ५:५४ PM
अजय सरदेसाई (मेघ)
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