आराइश-ए-कुद्रत
आफताब दरख़्तो॑ तले बुनकारी कर रहा है
हसीन नजारा है , के दरख़्तो॑ के साये लरज़ते है
मिरे रूह-ए-ख़्वाबीदा से हवा कह रहि है
इन मखमली सयों को देख, क्या आराइश-ए-कुद्रत है !
मेघ
३१/८/२०२१ , ७:०० PM
आफताब - सूर्य , sun
बुनकारी
- weaving
दरख़्त - पेढ , tree
हसीन नजारा
- सुंदर द्रिश्य , beautiful sight
लरज़ना - थरथराना , लहरांना , quaver
मिरे - mine
रूह-ए-ख़्वाबीदा
- dreamy soul
मखमली - velvety
साये - shadows
आराइश-ए-कुद्रत - decoration of
nature
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