अश्कों को तुम यु न छुपाओ पहचान ये उन आखों कि है I
जिस दिल में खुदा बसते है ,जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
दर्द-ए-दरिया को उफान और दर्द-ए-दिल अज़िय्यत में है I
पलकों कि पुश्त खोल कर , जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
अश्क रूह के मोती है और खुदा कि ने'मत है I
पता नहीं कब सुख जाए ,जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
बेगानों के दर्द में जो बहे तो ये क़तरा-ए-पाक है I
क़तरा-ए-नापाक न होने दो , जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
एहसास के समंदर में अश्क वो जज़्बात-ए-पिन्हाँ है I
सुकून-ए-दिल-ए-मज़लूम है , जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
बात पते कि है ' मेघ ' तुम समझो और गांठ बांधलो I
अश्कों को तुम न छुपाओ कभी ,जो ये बहते है इन्हे बहनेदो II
अजय सरदेसाई ( मेघ )
२०/९/२०२१ , ७:४६ PM
अश्क – आंसू , tears
दर्द-ए-दरिया
– sea
or ocean of pain
उफान
– उबाल
, high tides
अज़िय्यत
- कष्ट,
दुःख, तकलीफ़, यातना
पुश्त - बांध दिवार
ने'मत - उपहार, वरदान
जज़्बात-ए-पिन्हाँ - hidden emotions
सुकून-ए-दिल-ए-मज़लूम - peace of heart of the oppressed
खूप सुंदर
ReplyDeleteVery nice😍👏👍
ReplyDelete👏👏👍👍😍😍
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