प्रस्तावना

मला कविता करावीशी वाटते , पण जी कविता मला अभिप्रेत आहे , ती कधीच कागदावर अवतरली नाही . ती मनातच उरते , जन्माच्या प्रतीक्षेत ! कारण कधी शब्दच उणे पडतात तर कधी प्रतिभा उणी पडते .म्हणून हा कवितेचा प्रयास सतत करत असतो ...........
तिला जन्म देण्यासाठी , रूप देण्यासाठी ,शरीर देण्यासाठी ......
तिला कल्पनेतून बाहेर पडायचे आहे म्हणून
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Friday, 28 June 2024

इप्तिदा और इंतेहा


इप्तिदा तिरे जिक्र से हुई। 

तो इंतेहा मिरी कहानी से हुई।।

 

जाने सफर कैसे कट गया तिरी बातों में।

मंजिल पे जब पहूचे,तो शाम रुमानी हुई ।।

 

तुम मुस्कुराती रही और मैं देखता रहा।

आंखों ही आंखों में, सारी बातें हुई।।

 

चराग़ जले जब शाम को फलक पर।

आसमाँ में सितारों की फुलवारी हुई।।

 

तिरे जिक्र से ही दिल बहल जाता है मिरा।

जाने कौन सी मुझपर ये जादूगरी हुई।।

 

दिल की गहराइयों में  'मेघ ' जाने राज छुपे है कितने।

फिर जाने आज क्यों तुम्हे इनसे इतनी सरोकारी हुई।।

 

शुक्रवार, २८//२४ , ०९:५२ PM

अजय सरदेसाई (मेघ)



 

Thursday, 27 June 2024

बहार-ए-चमन

ये जो बहार--चमन है,लाफ़ानी नहीं है।

ये चंद लम्हों का मेला है,लगकर गुज़र जाना है।

इसपर इतना गुरुर और इतराना कहां अच्छा है।

ख़िज़ां तो हर गुलशन पर आकर ही जाती है

आजतक इस दौर से क्या कोई भी छूटा है।

खाक से आते है सभी,खाक में ही मिल जाते है।

यहाँ कौन है जो ताउम्र युहीं जवाँ रहता है।

हाँ, इस बाजार में हुस्न की नुमाइश तो होती है। 

हाँ,इस बाजार में हुस्न को खरिदार भी मिलता है।

ये बाजार है ,इसका दस्तूर है ,यहाँ सब कुछ बिकता है।

साफ दिल को मगर यहाँ खरिदार कहां मिलता है।

 

शुक्रवार , २८/०६/२०२४   ११:३५

अजय सरदेसाई (मेघ)


 

Friday, 14 June 2024

Like Love in The Moonlight

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🌹             Like Love in The Moonlight              🌹

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I’ve come in this world, a guest for a while,

I will live my life and then bid good bye in style.

I've come to spread joy, to brighten each heart,

I'll spread like fragrance of musk; I’ll play my part.

As the breeze scatters pearls, so gently does the dew fall,

I’ll sing through the branches; Love is my melody’s call.

In the monsoon’s embrace, play the shadows and sunlight,

When the storm’s done, like a rainbow, I’ll manifest.

If life is a pearl in an oyster's deep sea,

I’ll dive to its depths, and bring it to thee.

As the moon, sun, and stars in the heavens take flight,

I’ll reside in each heart, like love, in the moonlight.


Friday     14/06/2024       06:40 PM

Ajay Sardesai (Megh)

 

 

 

Thursday, 13 June 2024

कमसीन मुहब्बत की तरह

कुछ दिन बिताएंगे इस दुनियां में मेहमान बनकर।

मुसाफ़िर है, झूमते रहते है डाल डाल एक पंछी की तरह।।

 

आए हैं इस दुनियां में खुशीयॉं बांटने।

फैलेंगे इन हवाओं में हम मुश्क की तरह।।

 

नर्म सबा फैला रही है  ज़मीं पर जैसे ओस के मोती।

हर डाल पर गाएंगे हम चहकता गीत, बुलबुल की तरह।

 

सावन का महीना है और धुप छाव का खेल है।

उभरेंगे आसमाँ में हम इक इन्द्रधनु की तरह।।

 

जिन्दगी गर एक सिपी में छिपा हुआ मोती है।

लाएंगे हम गहरे समंदर से उसे गोताखोर की तरह।।

 

आसमाँ  मैं जैसे रहते हैं चाँद,सुरज और तारे। 

रहेंगे हम भी हर दिल में कमसीन मुहब्बत की तरह।।

 

शुक्रवार १४//२०२४ ,:४० AM

अजय सरदेसाई (मेघ)