Saturday, 4 November 2023

दूर तक जाएगी


 

ये दास्तान तेरी-मेरी बड़ी दूर तक जाएगी।
ये बात जो तुने चलाईं हैं ,दूर तक जाएगी।।

मैं अकेला ही चला था जानिब-ए-मंज़िल ।
किसे पता था राह कितनी दूर तक जाएगी।।

मेरे प्यार का इजहार तु चाहे करे न करे।
मेरे दर्द-ए-दिल की सदा, दूर तक जाएगी।।

सभ जानते हैं तुम कातिल हो और मैं मक़्तूल।
तुम चाहे लाख छुपाओ ये, बात दूर तक जाएगी।।

ये आग जो लगी हैं दिल में ,मुहब्बत की हैं सनम।
तुम लाख कोशिशें करो बुझाने की, ये दूर तक जाएगी।।



शनिवार,४/११/२०२३ , १:१० PM

अजय सरदेसाई (मेघ)

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