Saturday, 5 March 2022

आईना-ए-किरदार


इम्तेहान तो बेहतरीन  लिए तू ने ऐ ज़िन्दगी ।
इनसे ही तो जीनेका सुरूर बनता है ।
मैं डरा नहीं ,मैं थमा नहीं ,मैं टुटा नहीं ।
यहीं मिरे आईना-ए-किरदार-ए-गुरुर  बनता है ।

इम्तेहान – tests , परीक्षा
बेहतरीन - उत्तम , बहुत अच्छे
सुरूर - नशा
आईना-ए-किरदार – mirror of character
गुरुर – pride

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अजय सरदेसाई (मेघ)-
शनिवार , ५/३/२०२२

राहों में कई इम्तेहान आते रहे I
ज़िन्दगी में ये संग-ए-मिल गुजरते रहे I
बड़ा कठिन रहा ये सफर मगर I
ज़िन्दगी हम तिरे साथ चलते रहे I
 
संग-ए-मिल - मिल का पत्थर , milestone

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अजय सरदेसाई (मेघ)-
शनिवार , ५/३/२०२२
०९: ३५  PM
 
ज़िन्दगी एक और जाम हो जाए ।
एक दौर और इम्तेहान का हो जाए ।
तुमने बहुत की है बेवफाई यां हम से ।
अब एक दौर का 
वफ़ा भी तो हो जाए ।
 
अजय सरदेसाई (मेघ)
शनिवार , ५/३/२०२२
०९:४५ PM 
 




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