Wednesday, 25 August 2021

मू-ए-मिज़ा




उसकी मू--मिज़ा में भी है सौ तूफ़ाँ

उसकी तर्ज़--ख़मोशी पर जाना


बस इक नजर से  हि  शहर--दिल लूट जाए 

   

उसकी सदगी--रुख़ पर जाना


-मेघ-

२५//२०२१ , १२:३० PM


मू--मिज़ा - डोळ्या॑च्या पापण्या

तर्ज़--ख़मोशी - शा॑ततेची ढब , लकब (style)

शहर--दिल - हॄदय ( heart )

सदगी--रुख़ - चेहऱ्यावर ची निरागसता


No comments:

Post a Comment